चीन-अमेरिका जैसा नहीं बनाना… भागवत ने बताया कैसे भारत को भारत बनाना होगा!

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत बुधवार को बंगाल की दो दिवसीय यात्रा के लिए दुनिया के सबसे बड़े नदी द्वीप माजुली पहुंचे थे. माजुली असम के पास है. यहां लोगों का प्रवास एक बड़ा मुद्दा है. भागवत ने यहां एक कार्यक्रम को संबोधित किया. अपने संबोधन के दौरान भागवत ने कहा कि हमारा लक्ष्य भारत को विकास की राह पर अग्रसर करने के लिए उसे चीन या फिर अमेरिका जैसा नहीं बनाना है. भारत, भारत ही बने इसकी जरूरत है. उन्होंने कहा कि अब हमारी शिक्षा में मात्राभाषा का माध्यम भी आ रहा है. साथ ही हमारी जनजातिय भाषाओं का भी धीरे-धीरे उसमें अंतरभाव हो रहा है.

‘भारत, भारत है’
अपने संबोधन में मेक इन इंडिया की बात करते हुए भागवत ने कहा कि हम अपने अर्थतंत्र में आजकल मेक इन इंडिया की बात कर रहे हैं और उससे आगे जाकर हम कह रहे हैं कि इंडिया की जगह भारत का उपयोग करो. हम भारत हैं. प्रोपर नाउन का भाषांतर नहीं होता, ट्रांसलेशन नहीं होता. भारत को हर भाषा में भारत ही कहना चाहिए.

हमें अपने भूतकाल से सीखना है’

आगे उन्होंने कहा कि हम थोड़ा-थोड़ा आगे जा रहे हैं. आगे जाकर हमें अपनी चीजों को लेकर आगे बढ़ता हैं. हमें हमारे भूतकाल से सीखना है और हमारे पास जो-जो ज्ञान है उसका तो इस्तेमाल करना ही है, साथ ही दुनिया में भी जो विशिष्ठ प्रकार का ज्ञान है उसको भी हम लेंगे और उससे भी सीखेंगे.

दौरे की बात की जाए तो संघ प्रमुख का यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है. अपने बंगाल प्रवास के दौरान संघ प्रमुख मोहन भागवत राज्य की विशिष्ट हस्तियों से मिलते रहे हैं. आरएसएस का दावा है कि यह कार्यक्रम पूरी तरह से संगठनात्मक और नियमित है. हर साल इसी समय के आसपास ऐसी यात्रा होती है.

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